आखिर क्यों गिराया गया ट्विन टावर
नोएडा के सेक्टर 93ए में आज आसमान छूती दो इमारतें मिट्टी में मिल गईं।
सुपरटेक ट्विन टावर को बनाने में 70 करोड़ की लागत आई थी,
जबकि इसे गिराने में 20 करोड़ की लागत आएगी.
40 मंजिला इमारत को ढहाने के लिए विस्फोटकों और संबंधित
व्यवस्थाओं का शनिवार को अंतिम निरीक्षण किया गया था.
Twin Towers डिमॉलिशन के चलते नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे बंद रहें.
ट्विन टॉवर बनाने वाले बिल्डर्स ने नेशनल बिल्डिंग कोड का उल्लंघन किया है.
नोएडा के सेक्टर-93 स्थित 40 मंजिला ट्विन टावरों का निर्माण 2009 में हुआ था.
जहां पर टावर नंबर 16 और 17 बनाए गए हैं वहां पर बिल्डर ने लोगों को जब फ्लैट दिया था.
तो उसे ओपन स्पेस दिखाया गया था
सुपरटेक बिल्डर्स ने ट्विन टॉवर के स्थान पर पहले खरीदारों को हरियाला स्थान बताया था.